Baba Tilheshwar Mandir |
Baba Tilheshwar Mandir : आज के इस आर्टिकल में आप सभी को बिहार के सुपौल जिला के अंतर्गत सुखपुर सोल्हानी पंचायत में एक प्राचीन भव्य मंदिर है जहां स्वयंभू पधारे थे । Baba Tilheshwar Mandir बिहार के सुपौल जिला के अंतर्गत सुखपुर सोल्हानी पंचायत के अंतर्गत प्राचीन भव्य मंदिर स्थित है। बुजुर्गों का यह कहना है कि यहां पर भगवान शिव अर्थात स्वयं शंभू पधारे थे जिसकी महिमा अपरंपार है।
कोसी क्षेत्र में भी सुप्रसिद्ध शिवालय मंदिर की कमी नहीं है लेकिन बाबा तिलेश्वर नाथ की महिमा अपरंपार है। सुपौल जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी में सुखपुर गांव तथा सुखपुर सोल्हानी पंचायत के अंतर्गत बाबा का मंदिर स्थित है,यह शिवलिंग स्वयंभू विराजमान हुए थे। आगे इस आर्टिकल में आपको पूरे विस्तार से Baba Tilheshwar Mandir से जुड़े प्राचीन भव्य की गाथाएं और आज के समय चल रही इनकी महिमा अपरंपार से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
Sukhpur Solhani पंचायत के अंतर्गत बुजुर्गों का कहना है कि यहां पर स्वयं शंभू अर्थात शिव जी खुद ही पधारे थे। हालांकि यह बात कितनी सत्य है इनकी मुख्य रूप से कोई भी तथ्य अभी तक नहीं हुई है । लेकिन प्राचीन काल से ही यह गाथाएं सुनती हुई आ रही है कि यहां पर शिव भगवान स्वयं पधारे थे। Baba Tilheshwar Mandir सुपौल जिला के रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी में है।
अंततः इस तरह की और भी प्राचीन मंदिर से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो, नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य ही बताएं साथ ही इस आर्टिकल में आपको बाबा तिलेश्वर मंदिर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में दी गई है। जिसे आप अंत तक पढ़कर Baba Tilheshwar Mandir से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर पाएंगे।
Baba Tilheshwar Mandir – Overview |
Name Of Article | Baba Tilheshwar Mandir |
Type of Article | Others |
Mandir Name | Baba Tilheshwar Mandir |
District Name | Supaul |
Panchayat Name | Sukhpur – Solhani |
Supaul to Baba Tilheshwar Mandir Distance | 10 KM |
All Info. | Please Read The Article Completely |
जाने बाबा शिव शंभू कैसे पधारें एवं तिलेश्वर मंदिर की जलाभिषेक – Baba Tilheshwar Mandir
Baba Tilheshwar Mandir स्थान के संबंध में कई रोचक घटनाएं एवं जनश्रुतियां सुनी सुनाई जाती है। Sukhpur Solhani Baba Tilheshwar Mandir के संबंध में कहां जाता है कि यहाँ स्वयं शंभू है। जानकारी अनुसार कहा जाता है कि पहले इन जगहों पर काफी ज्यादा घना जंगलों से आच्छादित था और क्षेत्र के गाय चरवाहे गाय चराया करते थे। किसी विशेष स्थान पर गाय स्वत: दूध देने लगती थी।
लगातार ऐसे होने पर गाय चरवाहों द्वारा मिलकर उक्त स्थल की सफाई की और आसपास के गांव के ग्रामीण को बताया। उक्त स्थलों की खुदाई की और शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ। वैसे तो बाबा तिलेश्वर मंदिर में शिव भक्तों की प्रत्येक दिन भारी से भारी मात्रा में भीड़ देखने को मिलती है ।
लेकिन ज्यादा से ज्यादा रविवार और सोमवार को यहां जलाभिषेक का विशेष महत्व माना जाता है, ग्रामीणों का यह कहना है कि Baba Tilheshwar Mandir में जो भी व्यक्ति कुछ मांग कर जाते हैं स्वयंभू उन्हें अवश्य ही पूरा करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र वासियों के जानकारी अनुसार यह भी जानकारी प्राप्त हुआ है कि बाबा तिलेश्वर मंदिर के दर से जो भी व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती है उन्हें एक बार अवश्य ही Baba Tilheshwar Mandir में पधारने का मौका हर हाल में मिलना होता है। हालांकि यह बात सत्य कथित है या नहीं इनकी पुष्टि इस आर्टिकल में नहीं कर सकते हैं लेकिन ऐसा ग्रामीणों का मानना है।
अंततः इस तरह की और भी प्राचीन मंदिर से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो, नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य ही बताएं साथ ही इस आर्टिकल में आपको बाबा तिलेश्वर मंदिर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में दी गई है। जिसे आप अंत तक पढ़कर Baba Tilheshwar Mandir से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर पाएंगे।
जाने कैसे कहलाया टिलेश्वर से तिल्हेश्वर और आस्था विश्वास – Baba Tilheshwar Mandir
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि ग्रामीणों का कहना यह है कि, मंदिर पहले ऊँचे टीले पर बनाया गया था,इसलिए पहले इन्हें टिलेश्वर कहलाया जो कालांतर काल में तिलेश्वर और फिर तिल्हेश्वर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। परंतु ग्रामीण क्षेत्र वासियों के द्वारा अभी भी इस मंदिर को तिलेश्वर, तिलकेश्वर इत्यादि नामों से भी पुकारा जाता है। मंदिर की स्थापना भी प्राचीन काल से ही प्रतिष्ठित होने की पुष्टि करता है, वर्तमान शिवलिंग जमीन के तल से लगभग 10 फीट की गहराई में स्थित है।
प्राचीन Baba Tilheshwar Mandir की ऐसी मान्यता है कि, बाबा तिलेश्वर के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटता नतीजा यह है कि, दिन-प्रतिदिन लोगों की आस्था विश्वास इस मंदिर से बढ़ती जा रही है । यहां सुल्तानगंज, मुंगेर घाट, अगुवानी आदि जगहों से गंगा जल भरकर भक्त कांवर चढ़ाते हैं। इधर बाबा कपिलेश्वर नाथ महादेव स्थल से खैरदाहा नदी का जल भरकर चढ़ाए जाने की प्राचीन परंपरा चली आ रही है।
जाने Baba Tilheshwar Mandir में इस दिन लगते हैं भव्य मेला
Baba Tilheshwar Mandir में भीड़ की बात करें तो वैसे तो रविवार सोमवार काफी ज्यादा भीड़ एवं जलाभिषेक होती है, लेकिन सबसे ज्यादा नरक निवारण चतुर्दशी के शुभ अवसर पर काफी ज्यादा भक्त जनों की भीड़ देखने को मिलती है। नरक निवारण चतुर्दशी पर भक्तजन काफी दूर-दूर से बाबा का दर्शन करने आते हैं साथ ही भव्य मेला भी यहां पर नरक निवारण चतुर्दशी के दिन प्रदर्शित होते हैं। ऐसा यहां के भक्तों की मान्यता है कि बाबा के दरबार से कोई भी व्यक्ति खाली नहीं जाते हैं एवं उनकी हर मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होते हैं।
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सारांश
इस लेख मे, हमने आप सभी को बिहार के सुपौल जिला के सुखपुर सोल्हानी पंचायत के अंतर्गत प्राचीन Baba Tilheshwar Mandir से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्रदान की है। इस आर्टिकल में ऊपर दी गई जानकारी को पढ़कर आप इस मंदिर से जुड़ी प्राचीन सभी आस्था और विश्वास की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। Baba Tilheshwar Mandir प्राचीन काल से ही स्थित है Sukhpur Solhani पंचायत के ग्रामीणों का यह कहना है कि यहां स्वयंभू विराजमान है।
दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आप सभी, यह आर्टिकल को अंत तक पढ़े होंगे एवं यह आर्टिकल आपको बेहद पसंद आया होगा, जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक शेयर व कमेंट जरूर करेंगे।
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